सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!

मंगलवार, जून 08, 2010

एक सच्चे-ईमानदार पत्रकार के कुछ अनसुलझे प्रश्नों का सीधा जवाब

रंजन ने कहा…
अजीबो गरीब बहस है की है इस ब्लॉग वाले ने - मालूम नहीं ए कौन है ?? - गीता जी ने जो कुछ भी कहा - वो सच है - संजय गाँधी ने जब नसबंदी करवाना शुरू किया तो - पुरुष अपनी 'पत्नी' के पल्लू में छिपने लगे ! खैर , यह ब्लॉग मोहल्ला पर प्रकाशित हुआ है और विशेष मै क्या कहूँ ? मोहल्ला एक खास लोगों पर अपने हमले के लिए 'फेमस' रहा है - और इस मोहल्ले को 'एक न्यूज चैनल' के खास पत्रकार का सप्पोर्ट है वो भी सबको पता है ! मोहल्ला ने वी एन राय पर भी लगातार हमला किया है - फिर क्या हुआ सबको पता है ! इस तरह की बातें शोभा नहीं देता ! कुंठित पत्रकारिता है ! हाँ , फेमस होना है तो 'सूरज' पर थूकना शुरू कर दीजिए - लोग जान भी जायेंगे और आप .. :)
८ जून २०१० ११:०३ AM



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ये टिप्पणी है एक सीधे-नेक-सच्चे-ईमानदार नागरिक पत्रकार रंजन ऋतुराज सिंह का ..जो पेशे से एक सह-अध्यापक हैं..मैंने गीताश्री के ब्लॉग नुक्कड़ पर प्रकाशित एक पोस्ट पर बहस छेड़ी थी..कई प्रतिक्रियाएं मिली..पर उन सब में एक ब्लॉग लेखक महोदय उलझे-उलझे लगे। मै चाहता हूँ कि उनकी उलझन दूर हो और बहस स्वस्थ..कोई कुंठा नही..कोई पूर्वाग्रह नही॥

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- अजीबो गरीब बहस है की है इस ब्लॉग वाले ने - मालूम नहीं ए कौन है ??

रंजन जी बहस अजीबो-गरीब मुद्दों पर ही हो सकती है..और मुझे ब्लॉग लेखन से पूर्व आपसे अपने पहचान के लिए कोई सर्टिफिकेट लेने की जरुरत नही॥?

-गीता जी ने जो कुछ भी कहा - वो सच है - संजय गाँधी ने जब नसबंदी करवाना शुरू किया तो - पुरुष अपनी 'पत्नी' के पल्लू में छिपने लगे !

मैंने कब कहा कि गीताश्री ने गलत लिखा...मेरा प्रश्न है कि क्या कंडोम और पिल पर बहस से महिला सशक्तिकरण हो जावेगा? आप बेवजह संजय गाँधी की बात घुसेड रहे हैं..यहाँ बात कुछ और हो रही है और आप कुछ और अलाप रहे हैं।

-खैर , यह ब्लॉग मोहल्ला पर प्रकाशित हुआ है और विशेष मै क्या कहूँ ? मोहल्ला एक खास लोगों पर अपने हमले के लिए 'फेमस' रहा है - और इस मोहल्ले को 'एक न्यूज चैनल' के खास पत्रकार का सप्पोर्ट है वो भी सबको पता है ! मोहल्ला ने वी एन राय पर भी लगातार हमला किया है - फिर क्या हुआ सबको पता है !

यह मोहल्ला पर प्रकाशित हुआ..क्योंकि मैंने खुद किया..मोहल्ला किस बात के लिए फेमस है यह जगजाहीर है...आज भी चार सौ से पांच सौ पाठक रोज मोहल्ला में विचरते हैं..हो सकता है आपका भी कोई सपोर्टर हो..इसलिए आप बेवजह बहस कर रहे हैं...बहस कीजिये...पर स्वस्थ।

- इस तरह की बातें शोभा नहीं देता !

सर जी , बात शोभा नहीं देती...(मै व्याकरण से कमजोर हूँ)

-कुंठित पत्रकारिता है ! हाँ , फेमस होना है तो 'सूरज' पर थूकना शुरू कर दीजिए - लोग जान भी जायेंगे और आप ..

मैंने महिला सशक्तिकरण पर बहस कर दी इसीलिए आपने मुझे पुरुषों के प्रति कुंठित मान लिया...खैर फेमस होने के लिए ही मै आपके टिप्पणी पर जवाब दे रहा हूँ..आज निश्चित फेमस हो जाऊंगा..कल मेरी समीक्षा फोटू के साथ आने वाली है..पढने के लिए तैयार रहिये रंजन जी...

सादर/सस्नेह

सौरभ के.स्वतंत्र

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