मजा आ गया। कमाल का ले-आउट। जानदार पृष्ठ सज्जा। विविध मुद्दों से लबरेज। कुछ ऐसा ही आज मुझे चौथी दुनिया पढ़ने पर आभास हुआ । साथ में अपने राज्य के लिए विशेष सप्लीमेंट। वाकई संतोष भारतीय और उनकी टीम की ये पहल उल्लेखनीय है। भारतीय जी को साधुवाद..ऐसे बेहतरीन प्रकाशन के लिए।
बावजूद इसके एक बात समझ में नहीं आई। चौथी दुनिया का पंच लाइन। ये चौथी दुनिया देश का पहला हिंदी साप्ताहिक अखबार कैसे है? ऐसे कई हिंदी के साप्ताहिक अखबार निकलते आ रहे हैं इस देश में।
जब हम बनिये से हिसाब मांग सकते हैं..दूध वाले से हिसाब मांग सकते हैं...सूचना के अधिकार के तहत सरकार से हिसाब मांग सकते हैं तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया से कोई सूचना या हिसाब क्यों नहीं मांग सकते ? बस सवाल इतना ही कि चौथी दुनिया देश का पहला हिंदी साप्ताहिक कैसे?
देश का पहला ऐसा अखबार है जो
जवाब देंहटाएं2010 में शुरू हुआ है
जो इंग्लिश, हिन्दी के साथ उर्दू में भी शुरू होगा
जो पहला INDIA'S FIRST INTERNET TV भी है
मुझे लगता और कई बातों में यह देश का पहला अखबार बनेगा यकी न हो तो देखो
http://www.chauthiduniya.com/
संविधान की धारा 19 का सदुपयोग.
जवाब देंहटाएंसादर!
जवाब देंहटाएंअरे भाई साहब! प्रचार भी कोई चीज होती है...आप भी कहाँ उलझ पड़े ! इस समय देश का सबसे बड़ा झूठ का बाजार मिडिया ही तो है, फिर तो यह प्रश्न ही नहीं उठता ....
रत्नेश त्रिपाठी
pataa nahi media me pahale dusare ka kya chakar hai. maan lijye ki m desh ka 6543218970 waan patrkar hun to isase kya fark padtaa hai ?
जवाब देंहटाएंSab moh maya hai
जवाब देंहटाएंnarayan narayan
Rochak bahas swatantra sahab ke dwara
जवाब देंहटाएंSadar
Ankur
are yaar.....ye vala chauthi duniya desh ka pahalaa hindi saaptaahik akhbaar hai....ha...ha...ha...ha...
जवाब देंहटाएंuski shuruat hi jhoot se hui hai, jyada din nhi tikne wali
जवाब देंहटाएंAaina to hai par dekhata kaun hai ji....kisi n kisi mamle me to har koe n-one hota hi hai to kya hua gr enhone karn gayb kr kebl one keh diya to....Aage pathko ka kam ki mamla&upadi wo tay kare ...
जवाब देंहटाएंhai n pate ki bat....?