मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी,
मैं नहीं माखन खायो ।
भोर भयो गऊवन के पीछे,
मधुवन मोहि पठायोरी ।
चार पहर बंशीबन भट्क्यो,
साँझ पडी घर आयोरी ॥
मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी,
मैं नहीं माखन खायो ।
मै बालक बैयन को छोटो,
छिको किस विध पायोरी ।
ग्वाल बाल सब गैला पडे हैं,
बरबस मुख लिपटायोरी ॥
मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी,
मैं नहीं माखन खायो ।
इतनी सुनके हंसी यशोदा,
ले उर कंठ लगायोरी ।
सुर श्याम शरणागत तेरी,
चरण कमल चित ल्यायोरी ॥
मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी,
मैं नहीं माखन खायो ।
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई.
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जय श्री कृष्ण
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