जीना इसी का नाम है!
एक आदमी रोटी बेलता है
एक आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी बेलता है,
न रोटी खाता है
वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है
मैं पूछता हूं--'यह तीसरा आदमी कौन है ?
'मेरे देश की संसद मौन है।
- सुदामा पाण्डेय धूमिल
ये तीसरा आदमी वो वर्ग है जो रोटी केवल स्वाद के लिए खाता है..यानी रोटी से खेलता है.....
वाह, चार शब्दों में ही आपने बड़ी गूढ़ बात कह डाली !
bahut umda.....
flयह तीसरा आदमी हमारी देश की आम जनता है जिसे रोटी तक नसीब नहीं होती........बहुत खूब लिखा........
Chintaa kee baat hai.{ Treasurer-S, T }
anurag ji ye teesra aadmi janta nahi..hamare neta hain..
धूमिल की यह जानी पहचानी रचना एक बार और पढ़ना अच्छा लगा.
good
इतने कम शब्दों में इतनी गहरी बात. यह धूमिल जी का ही कमाल हो सकता है.
ये तीसरा आदमी वो वर्ग है जो रोटी केवल स्वाद के लिए खाता है..यानी रोटी से खेलता है.....
जवाब देंहटाएंवाह, चार शब्दों में ही आपने बड़ी गूढ़ बात कह डाली !
जवाब देंहटाएंbahut umda.....
जवाब देंहटाएंflयह तीसरा आदमी हमारी देश की आम जनता है जिसे रोटी तक नसीब नहीं होती........बहुत खूब लिखा........
जवाब देंहटाएंChintaa kee baat hai.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-S, T }
anurag ji ye teesra aadmi janta nahi..hamare neta hain..
जवाब देंहटाएंधूमिल की यह जानी पहचानी रचना एक बार और पढ़ना अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएंइतने कम शब्दों में इतनी गहरी बात. यह धूमिल जी का ही कमाल हो सकता है.
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