उसका सच
जीना इसी का नाम है!
सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!
सोमवार, जून 07, 2010
चली आना तू पान की दुकान पे....साढ़े तीन बजे
चली आना तू पान की दुकान पे..
साढ़े तीन बजे
2 टिप्पणियां:
माधव( Madhav)
7 जून 2010 को 9:32 am बजे
nice old song
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
Jandunia
7 जून 2010 को 10:07 am बजे
पान की दुकान वाह क्या बात है
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
nice old song
जवाब देंहटाएंपान की दुकान वाह क्या बात है
जवाब देंहटाएं