सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!

शुक्रवार, नवंबर 20, 2009

ख़ूब हो--

सेर भर कबाब हो
एक अद्धा शराब हो
नूरजहाँ का राज हो
ख़ूब हो--
भले ही ख़राब हो


--एक प्रचलित लोकगीत

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