उसका सच
जीना इसी का नाम है!
सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!
गुरुवार, नवंबर 19, 2009
मौन
उफ!
ये मौन
भी
भारी
लागे है।
अब
पूस
की रात
आने को है!
1 टिप्पणी:
रंजू भाटिया
19 नवंबर 2009 को 10:48 pm बजे
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