उसका सच
जीना इसी का नाम है!
सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!
बुधवार, नवंबर 18, 2009
दीवार
तुम जा रही थी
मै तुम्हे देख रहा था
पर मै तुमसे कुछ कह नही सका
आख़िर वह दीवार कहा से आई थी
जिसने मुझे रोक दिया
मुझे इसका मलाल जरूर रहेगा
वो दीवार किसने बनाया
जरा पता लगाओ तो।
1 टिप्पणी:
रंजू भाटिया
19 नवंबर 2009 को 3:09 am बजे
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