सोचा था नहीं बनने दूँगी कभी
समझौता का पर्याय जिंदगी
एक दिन
वक्त ने ख़त लिखा जिंदगी के नाम
कि स्वप्न का आकाश
धरती पर उतर नहीं सकता
उतार भी दो गर
तो जिन्दा रह नहीं सकता
और जाने कब वक्त थमा गया
जिंदगी के नाम
मेरे हस्ताक्षरयुक्त एक समझौता पत्र।
- सीमा स्वधा
waaah bahut khoob
जवाब देंहटाएंबडी गहरी बात कह दी……………ज़िन्दगी का दूसरा नाम समझौता ही तो है।
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