सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!

गुरुवार, अगस्त 06, 2009

मुसलमान मेरे भी घर में रहता है...

मुसलमान मेरे भी घर में रहता है...मै उसे अपना भाई मानता हूँ...अगर घर में लडाई होती है तो मै उसे घर की नियति मानता हूँ..दरअसल हर घर में लडाई होती है...सो, मेरे भारत जैसे वैभवशाली घर में ऐसा वाकया होता है तो मै उसे भी नियति मानना हीं श्रेयस्कर समझता हूँ , बजाये तूल देने के...मेरी सेकुलर शिखंडियों से भी यही अर्जी है....

4 टिप्‍पणियां:

  1. अतिसुन्दर विचार है ......मै भी इसके पक्ष मे अपने आप को पाता हूँ

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  2. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई,आपस मे सब भाई-भाई
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    'विज्ञान' पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!

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  3. ये मुसलमान कौन है ? कौन है ये हिंदू ? भारत मे भारतीय कब रहने लगेगे ?

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