सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!

शनिवार, अगस्त 08, 2009

दोपहरिया में सपना दिखा रहे हैं अज़दक प्रसाद!

अन्हरिया में त सपना देखे थे औरी दोपहरिया में सपना देखे के बात व्याकरण के किताब में मुहावरों में पढ़े थे॥

एइ बेरा अज़दक प्रसाद ब्लॉग पर दोपहरिया में हीं सपना देख लिए॥

चित्रकारी अइसन कि मियाज कोट हो गया॥

आदिमानवों के फोटुओ की बेबाक प्रस्तुति॥

लपेटुवा शैली में श्रीमान ब्लोगिया को साधू+वाद....

1 टिप्पणी:

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