उसका सच
जीना इसी का नाम है!
सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही!
बुधवार, जनवरी 12, 2011
औरत एक देह है!
औरत : आँचल है,
जैसा कि लोग कहते हैं – स्नेह है,
किन्तु मुझे लगता है-
इन दोनों से बढ़कर
औरत एक देह है।”
धूमिल की ये पंक्तियाँ बिहार में हुए विधायक हत्याकांड पर भारी पड़ती हैं! गौर फरमाइए॥
शायद आपकी रूह काँप जाये॥
नीतीश जी, अब तो मुझे मत रगेदिये
मेरा नाम है स्वप्न. मै दिन और रात दोनों समय घुस जाता हूँ मन में. मुझे एक बार घुसेड़ दिया गया बिहार के चम्पारण स्थित एक पुलिस जिले के लोगों के मन में. किसी और ने नहीं स्वयं नीतीश कुमार जी ने मेरे साथ ऐसा किया. उस समय वे मुख्यमंत्री नहीं थे और यही वजह थी कि उन्होंने मुझे लोगों को दिखाया . ये कोई ऐसा-वैसा जगह नहीं है साहब..यहाँ से नीतीश कुमार अपनी हर सफल यात्रा की शुरुआत करते हैं..न्याय यात्रा, विश्वास यात्रा, विकास यात्रा जैसे हर यात्रा का श्रीगणेश यही से करते हैं सुशासन बाबू..अपनी न्याय यात्रा में यही गंडक तट से सूराज का हूंकार भरा था और कहा था कि वे मुख्यमंत्री बनते ही इस जगह को राजस्व जिला बनायेंगे…मै घुसेड़ दिया गया यहाँ की जनता की जेहन में जबरन..पर दूसरे कार्यकाल तक भी स्वप्न(मैं) पूरा न हो सका..
अब तो नीतीश जी मैं बड़ा बेआबरू होकर कुचे से निकला..क्योंकि मुझे लोगों के टूटते स्वप्न(मैं) से बड़ा दर्द हो रहा है..कृपया कर मुझे अब मत रगेदिये..
आपका विनम्र
‘स्वप्न’
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